ऋग्वेद (मण्डल १)
श्लोक : १.६९.२ (1.69.2) सूक्त (६९)
परि॒ प्रजा॑तः॒ क्रत्वा॑ बभूथ॒ भुवो॑ दे॒वानां॑ पि॒ता पु॒त्रः सन् ॥ (२)
शुभ्रवर्ण अग्नि उषा के जार सूर्य के समान सभी पदार्थो को प्रकाशित करते हैं एवं प्रकाशक सूर्य के समान अपने तेज से धरती और आकाश को भर देते हैं. हे अग्नि! तुम प्रादुर्भूत होकर अपने कर्म से सारे संसार को व्याप्त कर लेते हो. तुम पुत्र के समान देवों के दूत होते हुए भी पिता के समान उनके पालक हो. (२)
The jars of the white-colored Agni Usha illuminate all the substances like the Sun and the illuminators fill the earth and sky with their brightness like the Sun. O agni! You become enlightened and permeate the whole world through your karma. You are the angels of the gods like the Son, but you are their guardian like the Father. (2)